Bharat ki Karyapalika Hindi me
Sangh ki Karyapalika
Bharat ki Karyapalika Hindi : भारत में सरकार के तीनों अंगों कार्यपालिका , विधायिका एवं न्यायपालिका में से किसी को सर्वोच्च शक्ति न देकर संतुलन एवं नियंत्रण को महत्व दिया गया है| अतः भारत में संविधान सर्वोच्च है जिसका संरक्षक सुप्रीम कोर्ट है जो न्यायिक सक्रियता(न्यायिक समीक्षा शक्ति द्वारा) की भूमिका के कारण विशिष्ट हैं|
Bharat ki Karyapalika
भारत में शासन की संसदीय शासन प्रणाली में कार्यपालिका का स्वरूप दोहरा(संघ एवं राज्य) है|
Sangh ki Karyapalika शक्ति का उल्लेख संविधान के भाग-5 में अनुच्छेद-52 से अनुच्छेद-78 के बीच हैं| इसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद, प्रधानमंत्री, महान्यायवादी शामिल है| भारत में ब्रिटेन की तरह कार्यपालिका के शीर्ष पर दो संवैधानिक पदाधिकारी क्रमश: राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री होते हैं| किंतु भारत में राष्ट्रपति निर्वाचित होता है|जबकि ब्रिटेन में आनुवांशिक राजा या रानी| ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्ष की तरह हमारा राष्ट्रपति न तो रबड़ स्टैम्प होता है तथा नहीं अमेरिका की तरह सक्रिय होता है| अपितु भारत में राष्ट्रपति कार्यपालिका एवं विधायिका(संसद का अंग) के लिए समन्वयक तथा विशेष परिस्थितियों में संविधान संरक्षक की भूमिका में होता है|
भारत में संघ की कार्यपालिका
भारत में संघ की कार्यपालिका: राष्ट्रपति(Art.-52) तथा प्रधानमंत्री(Art.-75)
संघ की कार्यपालिका का संवैधानिक अध्यक्ष होने के साथ राष्ट्रपति गणराज्य(Republic) का प्रतीक होता है| अनुच्छेद-53 में संघ की समस्त कार्यपालिका की शक्ति राष्ट्रपति में निहित होता है| वास्तविक कार्यपालिका शक्ति प्रधानमंत्री में निहित होती है|
राष्ट्रपति से सम्बंधित अनुच्छेद:
- अनुच्छेद 65- उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना|
- अनुच्छेद 71- राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित मामले
- अनुच्छेद 72- राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति तथा कतिपय मामलों में दंड का स्थगन, माफी और सजा को कम करना|
- अनुच्छेद 74- मंत्री परिषद द्वारा राष्ट्रपति को परामर्श एवं सहयोग प्रदान करना|
- अनुच्छेद 75- राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की नियुक्ति एवं अन्य प्रावधान|
- अनुच्छेद 77- भारत सरकार की कार्यवाही का संचालन राष्ट्रपति के नाम से|
- अनुच्छेद 78- राष्ट्रपति को सूचना देने से जुड़ा प्रधानमंत्री का दायित्व|
- अनुच्छेद 85- संसद के सत्र, सत्रावसान तथा विघटन करना|
- अनुच्छेद 108- राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक आहूत करना|
- अनुच्छेद 111- राष्ट्रपति द्वारा किसी विधेयक पर अपनी सहमति देना|
- अनुच्छेद 123- राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति|
- अनुच्छेद 143- राष्ट्रपति की सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति|
- जरुर देखे : 73वें संविधान संसोधन क्या है ?
- जरुर देखे : भारतीय संविधान में केंद्र राज्य संबंध
अनुच्छेद 74 के अनुसार मंत्रिपरिषद एवं इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति कार्य करता है| वस्तुतः अनुच्छेद 77 के अनुसार राष्ट्रपति के नाम से समस्त कार्यपालिका शक्तियों का निर्वहन किया जाता किंतु यह मंत्रिपरिषद की सलाह पर किया जाता है| यह जानना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति प्रत्येक दशा में मंत्रिपरिषद की प्रत्येक सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं है क्योंकि ब्रिटेन के अनुवांशिक राष्ट्राध्यक्ष की तरह यह शक्ति शून्य भी नहीं है|
Power Of Indian President:
विशेष अवसरों एवं परिस्थितियों में संवैधानिक मूल्य की रक्षा के क्रम में हमारा राष्ट्रपति स्वविवेक की शक्तियों का प्रयोग करके संविधान के संरक्षक की भूमिका भी निभाता है| अनुच्छेद 74 में ही राष्ट्रपति को किसी निर्णय विधेयक पर पुनर्विचार की शक्ति भी प्राप्त है| यही कारण है कि भारत के राष्ट्रपति को संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हेतु वीटो पावर की शक्ति भी(अमेरिका से प्रेरित) दी गई है| अभी तक वीटो पावर का प्रयोग करने वाले(डाक बिल पर) एकमात्र राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह हैं| राष्ट्रपति की स्वविवेक की शक्तियां सिमित है तथा संवैधानिक परंपराओं द्वारा मर्यादित भी हैं| एक विकसित परंपरा यह भी की- अल्पमत सरकार की सलाह को मानने हेतु राष्ट्रपति बाध्य नहीं होता है|
राष्ट्रपति का निर्वाचन:
भारत में राष्ट्रपति पुनर्निर्वाचन का पात्र होता है तथा इसकी कार्यकाल 5 वर्ष होती है किन्तु उसके पूर्व ही वह उपराष्ट्रपति को अपना त्याग पत्र दे सकता है| जिसकी सूचना लोकसभा अध्यक्ष को दी जाती है| भारत में राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अथवा वरिष्ठ न्यायाधीश द्वारा(अनुच्छेद-60) शपथ दिलाई जाती है| राष्ट्रपति को उसके पद से हटाने की प्रक्रिया महाभियोग तथा आधार संविधान का अतिक्रमण है जिसका उल्लेख अनुच्छेद-61 में है| राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग संसद द्वारा चलाई जाने वाली अर्धन्यायिक प्रक्रिया है| जिसकी सूचना राष्ट्रपति को 14 दिन पूर्व(सदन के 1/4 सदस्यों के हस्ताक्षर युक्त प्रस्ताव द्वारा) को दी जानी चाहिए| संसद द्वारा 2/3 बहुमत से पारित महाभियोग प्रस्ताव के बाद उसका पद रिक्त समझा जाता है|
संघ सरकार की समस्त कार्यपालिकीय, विधायी, प्रशासनिक, न्यायिक, सैनिक एवं राजनयिक तथा आपातकालीन शक्तियों का निर्वाहन राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद की सलाह पर किया जाता है| राष्ट्रपति द्वारा मृत्युदंड पर क्षमादान(अनुच्छेद-72) व्यक्तिगत न होकर मंत्रिपरिषद की सलाह पर किया जाता है| संघ सरकार की मंत्रीमंडल सहित प्रधानमंत्री की सलाह पर समस्त संवैधानिक पदाधिकारियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है| भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को विशेषाधिकार भी प्राप्त हैं तथा इस दृष्टि से वह अनुच्छेद 14 का अपवाद है| पद पर रहते हुए राष्ट्रपति के विरुद्ध कोई भी सिविल एवं अपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता|
इसे भी जरुर जाने:
- राष्ट्रपति निर्वाचित अध्यक्ष होता है|
- राष्ट्रपति के पास मृत्युदंड में क्षमादान की शक्ति होती हैं|
- केंद्र में राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति कार्य देखता है|
- राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है|
- सभी राज्य में राज्यपाल का होना अनिवार्य है|
- ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है|
- ब्रिटेन में संवैधानिक अध्यक्ष अनुवांशिक राजा और रानी होता है|
- ब्रिटेन में प्रधानमंत्री निरंकुश होता है|
- संसद के कानून चुनौती योग्य नहीं होती है|
- भारत के संविधान सर्वोच्च है|
- भारत में राष्ट्रपति निर्वाचित होता है|
- जरुर पढ़े : Panchayati raj kab aur kaha lagu huwa
- जरुर पढ़े : Madhyakalin Bharatiya Itihas Mugalkal in Hindi
राष्ट्रपति निम्नलिखित परिस्थितियों में अपने विवेक का भी प्रयोग करता है- यदि प्रधानमंत्री की मृत्यु हो गई हो या सरकार अल्पमत में हो तथा विश्वास मत हो चुकी हो या किसी विधेयक पर पुनर्विचार हेतु सिफारिश की गई हो आदि| इस प्रकार भारत की संसदीय शासन प्रणाली में राष्ट्रपति की भूमिका विशिष्ट एवं संविधान संरक्षक की है|
IAS, PCS,SSC परीक्षा संकलन:
- नया राष्ट्रीय ध्वज एक्ट 2002 में लागू तथा ध्वज फहराना नागरिक का मूल अधिकार माना गया|
- संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषा-22, मताधिकार की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष 61वे संविधान संशोधन द्वारा किया गया|
- नागरिकता निर्वाचन का अंतरिम संसद संबंधी नियम 26 नवंबर 1949 संविधान निर्माण दिवस को ही लागू शेष पूरा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू|
- RTI एक्ट 2005 के नियमों के अनुसार नागरिक द्वारा मांगी गई सूचना 30 दिन के भीतर देना अनिवार्य हैं|
- भारत में पहली लोक अदालत का आयोजन 1985 में पी एन भगवती के प्रयासों से हुआ|
- EVM का सर्वप्रथम प्रयोग केरल विधानसभा 1982 में हुआ|
- EVM का प्रयोग आम चुनाव में सर्वप्रथम 2004 में हुआ|
- आर्थिक नियोजन एवं शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है|
- प्रथम संविधान संशोधन 1951 में इसके द्वारा संविधान में 9वीं अनुसूची जोड़ी गई है|
- सबसे बड़ा संविधान संशोधन 42 वा संविधान संशोधन माना जाता है|
- ‘Bharat ki Karyapalika’ का स्वरूप दोहरा(संघ एवं राज्य) है|
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