भारतीय संविधान में केंद्र राज्य संबंध
Center State Relations in Indian Constitution: Hello Competitor, आज हम आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भारतीय संविधान में केंद्र राज्य संबंध और उनका सम्पूर्ण विवरण की PDF File को लेकर आए है, बहुत सी एकदिवसीय परीक्षा मे Bhartiya sanvidhan केंद्र राज्य संबंध से सम्बन्धित और अच्छे समय मे प्रश्न पूर्ण रुप से याद न रहने की वजह से कुछ अंक कम प्राप्त कर पाते है, और Merit List से नीचे जाने का खतरा रहता है, तो आज भारतीय संविधान के केद्र राज्य संबंध से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए है | नीचे दिए गए Download Button पर Click करके सरलतम रुप से PDF Download करके कही भी पढ सकते है।
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Indian Constitution (भारतीय संविधान केंद्र राज्य संबंध) :
संघात्मक शासन प्रणाली में केंद्र एवं राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन:
यह एक जटिल समस्या है | अतः संविधान निर्माताओं के द्वारा भारतीय संविधान के विभिन्न क्षेत्रों के माध्यम से केंद्र एवं राज्य के मध्य संबंधों का निर्धारण किया गया है | जो निम्न प्रकार से हैं :
- केंद्र राज्य व विधायी संबंध
- केंद्र राज्य प्रशासनिक संबंध
- और केंद्र राज्य वित्तीय संबंध
केंद्र राज्य विधायी संबंध:
अनुच्छेद 245 के अधीन संसद संपूर्ण भारत या उसके किसी भाग के लिए कानून का निर्माण कर सकेगा | और राज्य विधानमंडल संपूर्ण राज्य या उसके किसी भाग के लिए कानून का निर्माण कर सकेगा |
7वीं अनुसूची एवं 246 अनुच्छेद:
संसद को संघ सूची के अंतर्गत किसी भी विषय के अंतर्गत कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है | मूल संविधान में संसद को 97 विषय पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त था |
42वे संविधान संशोधन द्वारा:
99 विषय पर कानून बनाने का अधिकार था | तथा वर्तमान में 42वें संविधान संशोधन द्वारा 100 विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है जो सेवाकर है |
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संघ सूची के विषय निम्न है:-
रक्षा, परमाणु ऊर्जा, संयुक्त राज्य संघ, नागरिकता, रेल, पत्तन और बंदरगाह, डाकतार, विदेशी ऋण, रिजर्व बैंक, बीमा, स्टॉक एक्सचेंज और वायदा बाजार, अफीम की खेती, जनगणना, कृषि आय से विभिन्न आय पर कर , संपदा शुल्क, समाचार पत्र के क्रय विक्रय पर कर आदि |
राज्य का विधानमंडल:
राज्य का विधानमंडल, राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने के लिए प्राकृत हैं | मूल संविधान में राज्य सूची में 66 विषय थे | 42 वे संविधान संशोधन द्वारा अब 61 विषय हैं |
जैसे – लोक व्यवस्था, कारागार, लोक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता,वन, संचार, कृषि, गैस और गैस मत्स्य, सहकारी और साहूकार, भू राजस्व, कृषि आय पर कर, प्रति व्यक्ति कर, पुलिस आदि |
समवर्ती सूचि:
समवर्ती सूची के विषय में कानून बनाने का अधिकार संसद और राज्य विधायिका दोनों को है |मूल संविधान में समवर्ती सूची में कुल 47 विषय थे | 42वें संविधान संशोधन द्वारा 52 विषय हैं:- CRPC, RPC दंडविधि लोक व्यवस्था जो किसी राज्य की सुरक्षा से जुड़ा हो, विवाह एवं विवाह विच्छेद, पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण, वन, आर्थिक एवं सामाजिक नियोजन, जनसंख्या एवं परिवार नियोजन, शिक्षा, जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण, कारखाना, राष्ट्रिय जलमार्ग आदि |
अवशिष्ट विधायी शक्ति : जिन विषयों को संघ सूची राज्य सूची और समवर्ती सूची में नहीं शामिल किया गया है, उनपर कानून बनाने का अधिकार संसद को प्रदान किया गया है |
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राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की संसद की शक्ति:
संविधान के अनुच्छेद 249 में यह प्रावधान किया गया है कि यदि राज्यसभा अपनी उपस्थिति तथा मतदान करने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से यह पारित कर दे कि राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर संसद राज्य सूची के विषय पर कानून बनाए, तो संसद को राज्य सूची में वर्णित विषयों पर कानून बनाने की शक्ति प्राप्त हो जाती है | संसद द्वारा इस प्रकार बनाया गया कानून 1 वर्ष के लिए प्रवर्तनीय होता है लेकिन राज्यसभा द्वारा पारित कर इसे बार-2 कई वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है |
- Article-258 : कुछ दशाओं में राष्ट्रपति किसी राज्य सरकार की सहमति से केंद्रीय सूची के विषय पर प्रशासन करने का अधिकार राज्य सरकार को सौंप सकेगा |
- Article-258(A): किसी राज्य के राज्यपाल भारत सरकार की सहमति से राज्य सूची के विषय पर प्रशासन का अधिकार केंद्र सरकार या भारत सरकार को सौंप सकेगा |
- Note- Art-258 : को सरकारिया आयोग ने सहकारी संघवाद की संज्ञा दी |
- Article-365 : संघ द्वारा दिए गए निर्देशों का यदि कोई राज्य अनुपालन नहीं करता है तो राष्ट्रपति का यह मानना तर्कसंगत है कि- “उस राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के अंतर्गत नहीं चलाया जा रहा है” ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति उस राज्य को चेतावनी दे सकता है |
- Article-356: यदि राष्ट्रपति को यह ज्ञात हो जाता है कि राज्यपाल की रिपोर्ट या अन्य किसी प्रमाणिक माध्यम से राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार चलाया नहीं जा सकता है तो ऐसी स्थिति में उस राज्य में राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा की जा सकती है |
- Article-307: संसद विधि द्वारा ऐसे प्राधिकारी की नियुक्ति करेगा जो राज्यों के बीच व्यापार वाणिज्य और समागम पर नियंत्रण स्थापित करेगा |
- संघ के प्रमुख राजस्व स्रोत हैं:- निगम कर, सीमा शुल्क, निर्यात शुल्क, कृषि भूमि को छोड़कर अन्य संपत्ति पर संपदा शुल्क, विदेशी ऋण, रेल, रिजर्व बैंक तथा शेयर बाजार |
- राज्य के प्रमुख राजस्व स्रोत है:– व्यक्ति कर, कृषि, भूमि पर कर, संपदा शुल्क, भूमि एवं भवनो पर कर,विक्रय कर, पशुओं तथा नौकायन कर, वाहनों पर चुंगी |
केंद्र राज्य संबंध से संबंधित प्रतियोगी परीक्षाओ में पूछे गए प्रश्न
- संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची का विस्तृत उल्लेख संविधान के किस अनुसूची में किया गया है – 7वी
- भारतीय संविधान में तीनों सूचियों से संबंधित व्यवस्था कहां से ली गई है – भारत सरकार अधिनियम 1935 है
- सरकारिया आयोग की सिफारिशों का संबंध है – केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों से
- भारतीय संविधान में राज्य की शक्तियां एवं कार्य किस प्रकार से विभाजित किए गए हैं – तीन सूचियों में
- संघ और राज्यों के विधाई संबंधों का संचालन किन सूचियों के आधार पर किया जाता है – समवर्ती सूची
- भारतीय संविधान में अवशिष्ट अधिकार हैं – संसद के पास
- भारतीय संविधान में केंद्र और राज्य सरकारों के कार्य क्षेत्र को संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची द्वारा स्पष्ट किया गया है | जो कार्य इन सूचियों में वर्णित नहीं है, वह किसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं – संघ के
- केंद्र राज्य संबंधों पर विचार करने के लिए सरकारिया आयोग का गठन कब हुआ – 1983 ई.
- समवर्ती सूची में लिखे विषयों पर अधिनियम बनाने का अधिकार किसके पास है – राज्य और संघ
- मूल संविधान में संघ सूची में 97 विषय थे | अब उनकी संख्या कितनी है – 100
- मूल संविधान में राज्य सूची में विषय थे | अब उनकी संख्या कितनी है – 61
- मूल संविधान में समवर्ती सूची के अंतर्गत विषयों की संख्या 47 थी | अब यह कितनी है – 52
- पंचायती राज विषय हैं – राज्य सूची
- भूमि सुधार आता है – राज्य सूची
- आर्थिक नियोजन विषय है – समवर्ती सूची में
- शिक्षा को किस संविधान संशोधन द्वारा राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में शामिल किया गया – 42वें
- सामाजिक सुरक्षा एवं सामाजिक बीमा विषय हैं – समवर्ती सूची में
- 42वें संवैधानिक संसोधन द्वारा वन, शिक्षा, प्राणियों का संरक्षण और नापतोल को किस सूची में स्थानांतरण किया गया – राज्य सूची से समवर्ती सूची में
- हमारे संविधान में आर्थिक नियोजन शामिल है – समवर्ती सूची
- रेलवे भारत की संविधान में कौन सी सूची में आता है – केंद्रीय सूची में
- अवशिष्ट अधिकार क्या है – वे अधिकार जो किसी भी सूची में शामिल ना हो
- केंद्र और राज्यों के बीच वैधानिक शक्तियों का बंटवारा दिया गया है- सातवीं
- अनुसूची मेंसंघ सूची का विषय है – सीमा कर
- राज्य सूची का विषय है – न्याय 42वें
- संविधान संशोधन द्वारा समवर्ती सूची में जोड़ा गया है – जनसंख्या नियंत्रण
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Indian Constitution in Hindi PDF
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