Light | Concave Mirror | Convex Mirror kya hai Puri Jankari Hindi Me
Light Concave Mirror Convex Mirror : दोस्तों आज हम आपके प्रतियोगी परीक्षा को और सफल बनाने के लिए Light Concave Mirror Convex Mirror kya hai. इससे सम्बंधित Notes तथा Question PDF में लेकर आए है | जो आपके 10+2 तथा Other Competitive Exam के लिए बहुत ही महतापूर्ण है, भौतिक विज्ञान क्या है, भौतिक विज्ञान Notes Entrance Exam की तैयारी करने वाले Students को बहुत ही जरूरत पढ़ती है| तो आज हम इसलिए Physics Notes उप्लाब्थ करा रहे है |
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Light Concave Mirror Convex Mirror
प्रकाश(Light):
Light Concave Mirror Convex Mirror: प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है, प्रकाश के कारण हमें वस्तुए दिखाई देती हैं प्रकाश निर्वात में भी गमन कर सकता है निर्वात में प्रकाश की चाल 3×108 मी/से होती है| जल में प्रकाश की चाल 2.25×108 मी/से होती है| प्रकाश तरंगे अनुप्रस्थ होती है|
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प्रदीप्त वस्तुएं(Illuminated Bodies):
जो वस्तुएं स्वयं प्रकाश उत्पन्न करती हैं प्रदीप्त वस्तुए कहलाती हैं| जैसे- सूर्य, तारे, जलता हुआ कोयला, जलती हुई मोमबत्ती आदि| प्रदीप्त वस्तु के प्रत्येक बिंदु से अनन्त किरणें(किरण पुंज) निकलती हैं|
अदिप्त वस्तुएं: जो वस्तुएं अंधेरे में दिखाई नहीं देती आदिप्त वस्तुएं कहलाती हैं| जैसे- मेज, कुर्सी, आदि|
Light से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
- तारों का टिमटिमाना, जल से भरे पात्र में पड़े सिक्के का उठा नजर आना- अपवर्तन के कारण
- मृगमरीचिका का बनना- पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण
- जल का तालाब कम गहरा दिखाई देना- अपवर्तन के कारण
- हीरे का चमकना- पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण
- प्रकाश तंतु का कार्य करना- पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण
- आकाश का नीला दिखना- प्रकीर्णन के कारण
- सुबह शाम को सूर्य का लाल दिखना- प्रकीर्णन के कारण
- पानी के बुलबुले के रंगीन दिखना- व्यतिकरण के कारण
- पानी के सतह पर पड़े मिट्टी का तेल का रंगीन दिखना- व्यतिकरण के कारण
- C.D का रंगीन दिखना- विवर्तन के कारण
- साबुन के पतले झाग में चमकदार रंगों का दिखना- व्यतिकरण और बाहुलीत परावर्तनके कारण
- खतरे के चिन्ह का लाल होना- क्योंकि लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है|
- कांच में आई दरारें चमकदार दिखता है- पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण
- जल में रखी हुई परखनली चमकीली दिखाई देना- पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण
- कालीख से पोता गोला जल में चमकना- पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण
प्रकाश का प्रकीर्णन(scattering of light):
जब प्रकाश वायु से गुजरता है,तो उसमें विद्यमान धूल आदि के कणों से टकराकर प्रकाश का कुछ भाग सभी दिशाओं में फैल जाता है|
प्रकाश के सभी दिशाओं में फैल जाने की प्रक्रिया को प्रकाश का प्रकीर्णन करते हैं|
लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होता है|
बैंगनी रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है|
बैगनी तथा नीले प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक होने के कारण ही आकाश नीला दिखाई देता है|
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वास्तविक प्रतिबिम्ब(Real Image):
जब परावर्तन के बाद प्रकाश की किरणे वास्तव में मिलती है,तो वस्तविक प्रतिबिम्ब कहलाती है|
वास्तविक प्रतिबिंब को पर्दे पर लिया जा सकता है|
वास्तविक प्रतिबिंब सदैव उल्टा बनता है|
वास्तविक प्रतिबिंब को पर्दे पर नहीं लिया जा सकता|
आभासी प्रतिबिंब(Virtual Image):
आभासी प्रतिबिंब को काल्पनिक प्रतिबिंब कहा जाता है|
आभासी प्रतिबिंब सदैव सीधा होता है|
आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर नहीं लिया जा सकता है|
समतल दर्पण से बना प्रतिबिंब सदैव आभासी होता है|
समतल दर्पण:
- किसी व्यक्ति को अपना पूरा प्रतिबिंब देखने के लिए दर्पण की लंबाई व्यक्ति की ऊंचाई से आधी होनी चाहिए|
- समतल दर्पण में प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है|
- समतल दर्पण की फोकस दूरी अनंत तथा क्षमता शून्य होती है|
- समतल दर्पण का उपयोग श्रृंगार दर्पण के रूप में, बहुदर्शी तथा पारदर्शी में किया जाता है|
- समतल दर्पण से बनने वाला प्रतिबिंब वस्तु के बराबर, आभासी एवं पार्श्वउल्टा
उत्तल दर्पण:
- उत्तल दर्पण में परावर्तन उभरे हुए तल से होता है|
- उत्तल दर्पण से बनने वाला प्रतिबिंब सदैव वस्तु से छोटा, आभासी एवं सीधा होता है|
- प्रतिबिंब सदैव दर्पण के पीछे ध्रुव तथा फोकस के मध्य स्थित होता है|
- उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों में साइड मिरर एवं सड़क में लगे प्रवर्तक लाइनों में होता है|
- उत्तल दर्पण के द्वारा काफी बड़े क्षेत्र की वस्तुओं का प्रतिबिंब एक छोटे से क्षेत्र में बन जाता है|
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अवतल दर्पण(Concave Mirror):
- अवतल दर्पण में परावर्तन दबी हुई ओर से होता है|
- अवतल दर्पण से बनने वाला प्रतिबिंब आभासी एवं सीधा होता है|
- अवतल दर्पण से आभासी प्रतिबिंब तभी बनता है जब वस्तु की स्थिति फोकस तथा ध्रुव के मध्य होती है|
- अवतल दर्पण से बना प्रतिबिंब वस्तु से बड़ा, आभासी एवं सीधा होता है| इसमें प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है|
- अवतल दर्पण का उपयोग सोलर कुकर, गाड़ी की हेडलाइट, सर्च लाइट एवंदाढ़ी बनाने में करते है|
- नाक, कान, गले आदि की जांच हेतु डॉक्टर अवतल दर्पण का प्रयोग करते है|
परीक्षा में पूछे गए प्रश्न:
- अवतल दर्पण का उपयोग-1. दाढ़ी बनाने में गाड़ी की हेडलाइट और सर्च लाइफ में, सोलर कुकर में, दंत चिकित्सक में, आंख कान गला के चिकित्सक में
- उतल दर्पण के उपयोग हैं- ड्राइवर के बगल में, स्ट्रीट लाइट में|
- समतल दर्पण के उपयोग हैं- श्रृंगार दर्पण के रूप में, बहुदर्शी तथा परिदर्शी में
- उत्तल लेंस के उपयोग हैं- कैमरा सूक्ष्मदर्शी दूरदर्शी फिल्म प्रोजेक्टर तथा दूर दृष्टि दोष वाले व्यक्ति के चश्मे में|
- अवतल लेंस के उपयोग हैं- गैलीलियो दूरदर्शी के नेत्रिका तथा निकट दृष्टि दोष(मायोपिया) वाले व्यक्ति के चश्मे में
- कांच में किस रंग के प्रकाश की गति सबसे कम होती हैं- बैंगनी रंग
- धूप के छाते में ऊपर की सतह किस रंग की होनी चाहिए- सफेद
- कांच में किस रंग के प्रकाश की गति सबसे कम होती है- बैंगनी रंग
- इंद्रधनुष के मध्य में कौन सा रंग दिखाई देता है- हरा रंग
- दोपहर 12:00 बजे दिशा में इंद्रधनुष दिखाई देगा- नहीं दिखेगा
- प्रकाश तरंग होती हैं- अनुप्रस्थ तरंग
- प्राथमिक रंग कौन-कौन से है- लाल, हरा एवं नीला
- प्रकाश का रंग निर्भर करता है- तरंगधैर्य पर
- सबसे अधिक तरंग धैर्य होती है- लाल रंग की
- हरे पत्तों वाला पौधा लाल प्रकाश में देखने पर दिखाई देता है- काला
- यदि किसी पीली वस्तु को लाल प्रकाश में देखा जाए तो वह दिखाई देगी- काली
- इंद्रधनुष में रंगों की संख्या है- सात
- इंद्रधनुष में किनारों पर रंग होते हैं- बैगनी, लाल
- मानव आंख की रेटिना पर प्रतिबिंब बनता है- वास्तविक तथा उल्टा
- आंखों में बाहर के पढ़ने वाले प्रकाश को नियंत्रित करता है- आइरिस
- मनुष्य की आंख में किसी वस्तु का प्रतिबिंब जिस भाग पर बनता है वह है- दृष्टिपटल(रेटिना)
- लेंस की क्षमता का मात्रक डायोप्टर होता है|
- धूप के चश्मे की क्षमता शून्य डायोप्टर होती है|
- उत्तल लेंस की क्षमता धनात्मक जबकि अवतल लेंस की क्षमता ऋणात्मक होती है|
Exam Points
- प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में प्रकाश ऊर्जा किस रूप में परिवर्तित होती है? – रासायनिक ऊर्जा में
- विसर्जन लैम्पों में कौन-सी गैस भरी जाती है? – नियान
- प्रकाश का वेग सर्वप्रथम किसने मापा? – रोमर ने
- तड़ित की चमक उसकी गर्जन से पूर्व ही सुनाई दे जाती है | क्यों? – क्योंकि प्रकाश की गति, ध्वनी की गति की अपेक्षा बहुत तीव्र होती है |
- हीरा के लिए क्रांतिक कोण का मान कितना होता है? – 24 डिग्री
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Sir cumputer based questions upload kar digiye
Okay Abhinandan, I will try to upload computer questions..soon
Sir polytechnic group k ka model aur solved paper upload kar.
Aur ye website amazing hai.
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